Blog

सुबह उठकर करें ये 3 काम, हर कदम पर मिलेगी सफलता

"सुबह उठकर करें ये 3 काम: हर कदम पर मिलेगी सफलता"​

सुबह उठकर करें ये 3 काम – यह एक आदत है जो हमें सफलता की ओर एक कदम आगे बढ़ने का मार्ग दिखा सकती है। सुबह का समय हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण समय है, जब हम नए दिन की शुरुआत करते हैं और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध होते हैं। इसलिए, सुबह उठकर करें ये 3 काम, और हर कदम पर मिलेगी सफलता।

1. सुबह उठते ही हम सबको अपने हथेलियों देखने चाइये:-

कराग्रे वसति लक्ष्मीः,कर मध्ये सरस्वती।
करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।।

इस मंत्र का अर्थ है कि हथेलियों के अग्रभाग में मां लक्ष्मी, मध्य भाग में देवी सरस्वती और मूल भाग में भगवान गोविंद यानी विष्णु का निवास होता है।

छोटे पंडित जी बताते है की हमारे हाथों की हथेलियों में मां लक्ष्मी, मां सरस्वती, और भगवान विष्णु वास करते हैं। सुबह हथेलियों को देखने से नई ऊर्जा मिलती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इससे अटके कार्य भी पूर्ण होते हैं। ऐसा करने से हमारा शरीर भी बीमारियों से भी मुक्त रहता है और हमारी बुद्धि में सकारातमक विचार बनते है यह हमारी मानसिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है हथेलियाँ हमारे कर्मों का प्रतीक होती हैं और इस संकेत से हम अपने कार्यों की मान, उच्चता और सफलता की दिशा में सुनिश्चित रूप से बढ़ सकते हैं।

हमारे हाथों की हथेलियों में विभिन्न तीर्थों का संबंध है, जिन्हें विभिन्न देवता और तात्कालिक पुराणों में महत्वपूर्ण माना गया है।

विभिन्न तीर्थ

देवतीर्थ: हथेलियों में देवी लक्ष्मी का वास माना जाता है। इस तीर्थ के दर्शन से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

पितृतीर्थ: इस तीर्थ के माध्यम से पितृदेवताओं के आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे पितृगण की शांति होती है।

प्रजापतितीर्थ: हथेलियों में प्रजापति ब्रह्मा का वास होने से इसे प्रजापतितीर्थ कहा जाता है। इस तीर्थ के दर्शन से आपको सृष्टि और सृष्टिकर्ता के प्रति आदर्श बढ़ता है।

अग्नितीर्थ: यह तीर्थ आग्नेय पुरुष अग्नि से जुड़ा है, जिससे जीवन में ऊर्जा और उत्साह में वृद्धि होती है।

सोमतीर्थ: हथेलियों में सोमतीर्थ का दर्शन करने से चंद्रमा के शान्ति और कल्याण की प्राप्ति होती है।

ऋषितीर्थ: इस तीर्थ में ऋषियों का वास होता है, जिससे ज्ञान और साधना की प्राप्ति होती है।

ब्रह्मतीर्थ: इस तीर्थ के दर्शन से ब्रह्मा जी के प्रति श्रद्धा और समर्पण बढ़ता है और विचारशीलता में सुधार होता है।

इन तीर्थों के दर्शन से हमारा जीवन धार्मिकता, आध्यात्मिकता, और सच्चाई की ओर बढ़ता है, जिससे हम एक सकारात्मक और समर्थनशील जीवन जी सकते हैं।

Read more:- अविश्वसनीय “जया एकादशी व्रत कथा: 2024” (मोक्ष प्राप्ति)

2. धरती को स्पर्श:

सुबह उठकर करें धरती को स्पर्श:- धरती को स्पर्श करना एक अद्भुत अनुभव है जो हमें प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर प्रदान करता है। यह हमें अपने आसपास की सुंदरता को महसूस करने में मदद करता है और हमारी आत्मा को शांति प्रदान करता है।

शास्त्रों के अनुसार, सुबह उठकर बिस्तर से उठते समय अपने पैरों को जमीन पर रखने से पहले भूमि का प्रणाम करना एक महत्वपूर्ण आदत है। इस प्रणाम का मूल उद्देश्य भूमि को देवी धरा या माता भूमि के रूप में मानने और उसका आभास करने में है। इस प्रक्रिया से हम आत्मा को उन्नति की दिशा में ले जा सकते हैं।

भूमि का प्रणाम करने से हम अपने प्राकृतिक संबंध को महसूस करते हैं और सृष्टि के साथ हमारा एक अद्वितीय संबंध बनता है। इस सांस्कृतिक प्रथा के माध्यम से हम धरती माता के प्रति आभास करते हैं और उसके साथ एक सान्त्वना और समर्थन का अनुभव करते हैं।

यह प्रणाम हमें धरती के साथ समर्थन में शक्तिशाली बनाता है और जीवन को सबल, स्थिर और सुरक्षित बनाए रखने में मदद करता है। इसके साथ ही, इस आदत से हम आत्मा की शुद्धि और समृद्धि की प्राप्ति का भी अनुभव करते हैं। इसलिए, भूमि का प्रणाम करना एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से समृद्धि और सकारात्मकता की दिशा में हमें मार्गदर्शन करता है।

Read more: आत्मशक्ति और उत्कृष्टता की ऊँचाइयों के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद

3.बड़ों का आशीर्वाद लें:

सुबह उठकर लें बड़ों का आशीर्वाद:- हिंदू धर्म में बड़ों के पैरों को छूना एक प्राचीन परंपरागत प्रथा है, जिसे ‘चरणस्पर्श’ भी कहा जाता है। इस सांस्कृतिक अभ्यास से व्यक्ति अपने आदर्शों की सीख प्राप्त करता है और बड़ों के प्रति समर्पण और सम्मान का भाव पैदा होता है। यह भावना है कि जब हम बड़ों के पैर छूते हैं, तो हम उनकी कड़ी मेहनत, जीवन के अनुभव, और उनके संघर्षों का आदर करते हैं।

इस अनुसंधान के अनुसार, चरणस्पर्श से नहीं सिर्फ आत्मिक संबंध मजबूत होता है, बल्कि इससे स्वास्थ्य को भी आधारित मिलता है। यह एक प्रकार का योगासन है, जो हड्डियों, मांसपेशियों, और तंतुओं को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में सहायक होता है।

इस प्रथा का अभ्यास करके हम एक अद्वितीय तरीके से अपने परिवार और समाज में समर्थ बन सकते हैं। बड़ों के पैरों को छूना हमें उनके साथ जोड़ता है और हमें उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। इससे हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में समर्थ होते हैं।

अतः सुबह उठकर की यह तीन क्रियाएं हमें न केवल दिनचर्या में सुस्ती को दूर करने में मदद करती हैं, बल्कि इनसे हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में भी सहायक हो सकते हैं। इसलिए, इन आदतों को अपनाकर हम सफल और सुखी जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

Read more:- मंदिर में प्रवेश से पहले घंटी बजाने के धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व

chhotepandit

Share
Published by
chhotepandit

Recent Posts

पूजा करते समय सिर ढकने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व? जानिए कारण

पूजा करते समय सिर ढकने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व? जानिए कारण पूजा-पाठ के समय…

6 months ago

माथे पर तिलक लगाने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व:

माथे पर तिलक लगाने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व: माथे पर तिलक लगाना हिंदू धर्म में…

8 months ago

संतोषी माता की आरती (सुख और समृद्धि पाए)

संतोषी माता की आरती (सुख और समृद्धि पाए) जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता।अपने…

8 months ago

शंख बजाने के धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व:

शंख बजाने के धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व: शंख को हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता…

8 months ago

अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्।उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्॥​

अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्। उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्॥ अयं - यहनिजः - अपनापरो…

9 months ago

महाशिवरात्रि स्पेशल आरती (शिव कृपा पाए)

महाशिवरात्रि स्पेशल आरती (शिव कृपा पाए) जय शिव ओंकारा, स्वामी ॐ जय शिव ओंकारा ।ब्रह्मा…

10 months ago