शंख बजाने के धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व:
शंख को हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, इसे हर शुभ और मांगलिक कार्यों में बजाया जाता है। लोग इसे सम्पूर्णता और शुभता के प्रतीक के रूप में देखते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, शंख की उत्पत्ति समुद्र से हुई थी, जिससे इसे समुद्री जीव का ढांचा माना जाता है। इसके अलावा, शंख को धार्मिक और सामाजिक समृद्धि, आत्मा की उत्थान, और भगवान की प्रसन्नता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, शंख हमारे हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
शंख बजाने के धार्मिक फायदे:
1.पवित्रता का प्रतीक: शंख बजाना हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसकी ध्वनि को देवी-देवताओं का आह्वान माना जाता है। शंख में जल भरकर सूर्यदेव को अर्घ्य देने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल देते हैं।
2. शुभ कार्यों में उपयोग: पूजा-पाठ, आरती, हवन, विवाह, त्योहारों आदि शुभ कार्यों में शंख बजाया जाता है। शंख बजाने से घर का वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। शंख पवित्रता का प्रतीक है।
3. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: शंख बजाने घर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और वातावरण शुद्ध होता है। शंख बजाने से बुरी आत्माएं दूर होती हैं और घर में सुख-शांति समृद्धि का वास होता है।
4. ध्यान और एकाग्रता: शंख की ध्वनि मन को शांत करती है और एकाग्रता बढ़ाती है। शंख बजाने से ध्यान लगाने में आसानी होती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
5. मंगल ग्रह का प्रभाव: शंख बजाने से मंगल ग्रह का प्रभाव मजबूत होता है। शास्त्रों के अनुसार, शंख मंगल ग्रह का प्रतीक है। शंख बजाने से साहस, वीरता और आत्मविश्वास बढ़ता है।
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शंख बजाने के वैज्ञानिक फायदे:
1. “श्वसन रोग” : शंख बजाना प्राणायाम का एक रूप माना जाता है। शंख बजाने से फेफड़ों का व्यायाम होता है, जिससे श्वसन क्रिया मजबूत होती है। शंख बजाते समय गहरी सांस लेने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है। इससे श्वासयंत्र की शक्ति में वृद्धि होती है।
2.पाचन तंत्र: शंख बजाने से पेट की मांसपेशियों की मालिश होती है, जिससे पाचन क्रिया में सुधार होता है। शंख बजाने से पेट दर्द, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं में भी आराम मिलता है।
3.तनाव कम होता है: शंख बजाने से शंख की ध्वनि तनाव कम करने और मन को शांत करने में मददगार होती है। शंख बजाने से मस्तिष्क में एंडोर्फिन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे शांति और सुकून की भावना उत्तपन होती है।
4.रोग प्रतिरोधक क्षमता: रोग प्रतिरोधक क्षमता: शंखनाद से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शंख की ध्वनि में अल्ट्रासाउंड तरंगें होती हैं, जो हवा में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करती हैं। यह रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करता है और शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। इससे संभावित इंफेक्शन का खतरा कम होता है और आरोग्य बना रहता है।
5. गैस की समस्या: शंख बजाने से गैस की समस्या में सुधार हो सकता है। जब हम शंख बजाते हैं, तो हमारे श्वास लेने की प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है, जिससे पेट में फंसी गैस को निकालने में मदद मिलती है। इससे पेट की ब्लोटिंग और गैस की तकलीफ कम हो सकती है।
6.रक्त संचार बढ़ता है: शंख को बजाने से हमारे हाथों की मांसपेशियों में उत्तेजना होती है, जिससे रक्त का परिसंचरण बढ़ जाता है। इस प्रक्रिया से रक्त शरीर के विभिन्न हिस्सों में अधिक यथासम्भव पहुंचता है, जिससे ऊर्जा का सही प्रवाह होता है और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
7. एकाग्रता: शंखनाद से एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है। शंख बजाने से मस्तिष्क की गतिविधि बढ़ती है और एकाग्रता बेहतर होती है
8. वातावरण शुद्ध होता है: शंख की ध्वनि में अल्ट्रासाउंड तरंगें होती हैं, जो हवा में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट करती हैं, जिससे वातावरण की शुद्धता में सुधार होता है। यह वातावरण को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखने में मदद करता है और सामान्य स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है।
ध्यान रखने योग्य बातें:
शंख बजाते समय सीधी पीठ रखकर बैठना चाहिए।
शंख को नाक के पास लाकर बजाना चाहिए।
धीरे-धीरे और गहरी सांस लेकर शंख बजाना चाहिए।
रोजाना सुबह या शाम को शंख बजाना चाहिए।
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