शिव चालीसा पाठ (“असंभाव कार्य होगे पूर्ण”)
शिव चालीसा पाठ (“असंभाव कार्य होगे पूर्ण”) श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत संतन प्रतिपाला॥ भाल चंद्रमा सोहत नीके। कानन कुंडल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये। मुंडमाल तन छार लगाये॥ वस्त्र खाल बाघंबर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥ मैना मातु की ह्वै …